एक गीत जो बचपन में ही जब से सुना तब से बहुत सहारा देता है और आज के मेरे जीवन का शायद सबसे बड़ा दर्शन है, मुझे निराशा के क्षणों से बहुत जल्दी उबारता है ये गीत। आप के साथ साथ बाँटना चाहूँगी, ये गीत मैने सिर्फ गुनगुनाया नही है, बल्कि जिया है।
Powered by eSnips.com |
9 comments:
बहुत ही प्यारा गीत. मन्ना डे को मैने कभी पसंद नहीं किया लेकिन यह गीत मेरे पसंदीदा गीतों में से है. बहुत प्रेशर करता है यह गीत क्योंकि यह मेरी विचारधारा से मेल खाता है. आपके चिट्ठे पर आकर अच्छा लगा. लिखती रहें. अच्छा गीत सुनाने के लिए फिर धन्यवाद.
रस्ते में कोई साथी तुम्हारा मिल जाएगा.... बहुत सुंदर पंक्तियां...
अच्छा गीत सुनाया कंचन !
बहुत ही प्रेरक गीत । मेरा प्रिय भी। इसे फिर सुनाने का धन्यवाद ।
अच्छा गीत सुनाने के लिए धन्यवाद.
कंचन जी अति सुन्दर। मन्ना दा के गाये गीतों का कोई जवाब नही। मन्ना दा हिन्दी सिनेमा जगत के मेरे सबसे पसंददीदा पार्श्व गायक रहे है। उनका एक एक गीत मानों मोतियों की माला का एक एक मोती हो। भगवान उन्हें दीर्ध आयु प्रदान करे।
रमेश
बहुत दिन बाद सुना ….और जब भी सुनती हूं बहुत अच्छा लगता है…।…शुक्रिया कंचन
बढ़िया ..मुझे भी पसंद है ये !
बहुत प्यारा गीत .... ज़रूरत थी ऐसे गीत की इस समय.... बहुत बहुत शुक्रिया !
गीत कैसा भी हो..... मुझे नहीं पता. पर मुझे आपसे कल बात कर के अच्छा नहीं लगा.
Post a Comment