Monday, February 14, 2011

वैलेंटाइन डे का भारतीयकरण


रात के साढ़े ग्यारह बजे आप जब वैलेंटाइन डे को स्पेशल बनाने की ललक में घर से बाहर निकलते हैं कोई भी कपल नज़र नही आता। असल में तो सड़क भी लगभग सूनी ही है। मतलब लखनऊ की सड़क पर अगर १०-१२ लोग दिख भी रहे हैं तो, सूनी ही कही जायेगी ना। बाज़ार में पहुँचने पर सिर्फ एक प्रकार की दुकानें खुली मिलती हैं, वो है फूलों की।

"ये रेड रोज़ कितने में भईया?"
"कितने दे दूँ ?"
खिल्ल से हँसी आ जाती हैं होंठ पर।इसे भी पता है " I Love You the most" मुझे थोक के भाव कहना है।

मैं भी मु्स्कुराते हुए कहती हूँ " दो आर्किड, तीन रेड रोज़ और एक येलो रोज़ दे दीजेये"

पौने बारह बज गये। लगा कि हमारा वाला आइडिया तो सबके पास पहले से ही था। रेस्ट्राँ बंद हैं, तो आइसक्रीम खा कर सेलीब्रेट करेंगे। कारें, मोटर साईकिलें अचानक मार्केट में बढ़ जाती हैं। लोग फेमिली के साथ, फ्रैंड्स के साथ बढ़िया बढ़िया साड़ी पहने, ताज़े फेशियल के साथ, गहरा काज़ल लगाये नव युगल और साथ में ननद, जेठानियाँ....! आइसक्रीम पार्लर अचानक भर गया।

"सब लाईसेंसी ही आ पाते हैं बेचारे, इस समय रात के बारह बजे।" मोटर सायकिल ड्राइवर हँस के बोलता है।

हम फूल और आइसक्रीम लिये अपनी फर्स्ट वैलेंटाईन के घर के लिये मूव करते हैं। उसकी शादी की २२ वीं सालगिरह भी तो है ना....!!

सामने कार में बैठी सुंदर आँखों वाली लड़की पर नज़र जाती है, वो जाने कब से अपलक हम दोनो को देख रही है। मैं हँस कर कहती हूँ " वो सेंटी हो रही है , गुज़ारिश फिल्म याद आ रही है उसे।"
" ओहो...! कितना पुअर सेंस आफ ह्यूमर है आपका।"

बाइक स्टार्ट सूनी सड़कें पार करते... कुछ कुत्तों का भौंकना और कुछ दोस्तों का लाल परी सेवन के बाद उमड़ा प्रेम एन्ज्वाय करते हम पहुँचते हैं अपनी फर्स्ट वैलेंटाइन के घर के सामने। पूरी कॉलोनी सो चुकी है। घर में भी सभी सोते ही से लग रहे हैं।

पहला रिंग कजिन के नंबर पर शायद जाग के एंट्री दे दे। नो...!!
दूसरा नीस के....!! " The no. you have dialed is not responding."
तीसरा जीजा जी के....! same answer.

हुँह..! बड़े बेआबरु हो कर तेरे कूचे से हम निकले।

रिसेशन के दौर में पूरे दो सौ खर्च किये थे, यादगार वैलेंटाइन डे मनाने के चक्कर में।

मन तो हो रहा था कि उसी फूल की दुकान पर जा कर सारे फल ५ रुपये कम के सौदे पर लौटा आयें।

सुबह से ढेरों फूल घुटने पर अड़े लोग दे चुके हैं। " I Love You the most" बोल के। फ्रीज के ऊपर एक एक फूल इकट्ठा करते, गुलदस्ता बन गया है।

हम भी ना..! सारे इमोशन्स का बखूबी इण्डिअनाइजेशन कर लेते हैं।

फिलहाल सुनिये ये गीत मेरी फर्स्ट वैलेंटाइन को डेडीकेटेड और दुआ करिये उनके स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिये



इंसान को रब का वास्ता देने वाले रब को दिल का वास्ते दे रहे हैं....! वल्लाह...!! क्या बात है ??

माँगा जो मेरा है, जाता क्या तेरा है ?
मैने कौन सी तुझसे जन्नत माँग ली??
कैसा खुदा है तू, बस नाम का है तू,
रब्बा जो तेरी, इतनी सी भी ना चली।

चाहिये जो मुझे कर दे तू मुझको अता,
जीती रहे सल्तनत तेरी,
जीती रहे आशिकी मेरी,
दे दे मुझे मेरी जिंदगी,
तैनू दिल दा वास्ता

Monday, February 7, 2011

आई लव यू सो एण्ड आई वांट यू टु नो,दैट यू विल आलवेज़ बी राइट हीयर



You're my Honeybunch, Sugarplum
Pumpy-umpy-umpkin, You're my Sweetie Pie
You're my Cuppycake, Gumdrop
Snoogums-Boogums, You're the Apple of my Eye
And I love you so and I want you to know
That I'll always be right here
And I love to sing sweet songs to you
Because you are so dear

(Lyrics and Music by Judianna Castle)



ये सब आज भी उसी उम्र में ले कर चला जाता है....। छोटा सा....! दाढ़ी वाले गाल को हटाता और मन में सोचता ..... एक बार एक और पप्पी मिल जाये...!!

म्म्म्म्म्आऽऽऽ... क्या खाया है ? बड़ी मीठी मीठी है।

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और फिर सबसे नज़र बचा कर बाउंड्री के अंधेरे में थोड़ी सी रोशनी ढूँढ़ कर लिखता हुआ किशोर मन..... छंद, मात्रा, बहर, रदीफ से बेखबर.... दर्द को मुड़े तुड़े पन्नों पर निकालता हुआ........!!

ढूढ़ूँ कभी आकाश में तारों के बीच में,
ढूढ़ूँ कभी मैं रात में सपनो के बीच में,
मुझको गले लगा लो, पास अपने बुला लो,
मैं रह गई अकेली हूँ, इतनों के बीच में,

तुम्हारी लाड़ली ढूँढ़े तुम्हे अपनो के बीच में.....!
नोट : शीर्षक में I'll को U'll लिखने की क्षमा के साथ