tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post7270191640962971010..comments2024-02-22T15:46:48.368+05:30Comments on हृदय गवाक्ष: एक मुक्तककंचन सिंह चौहानhttp://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-58885767812137028562010-02-23T21:25:02.350+05:302010-02-23T21:25:02.350+05:30जरा सी दूरी बना के रखना ,जरा सा खुद को बचा के रखना...जरा सी दूरी बना के रखना ,जरा सा खुद को बचा के रखना...क्या बात कही है !मुक्तक जबरदस्त है...इसपर गजल ही लिख देते...पर मुझे ठीक ठाक पता नहीं कि क्या अच्छा होगा...फिलहाल मुक्तक का आनंद ले रहा हूँ!प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-10697249821731124312010-02-23T17:31:07.379+05:302010-02-23T17:31:07.379+05:30क्या बात है...
ज़रा सी दूरी बना के रखना,
ज़रा सा ख...क्या बात है...<br />ज़रा सी दूरी बना के रखना,<br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना।<br /><br />वाह ये नया अंदाज है. ग़ज़ल तो खूब पढ़ा है आपका.<br />गीत गाना मेरे बस का नहीं है.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-1806517111321512452010-02-23T16:58:24.874+05:302010-02-23T16:58:24.874+05:30पूरे मुक्तक में जादू तो आखिरी ही पंक्ति ला रही है,...पूरे मुक्तक में जादू तो आखिरी ही पंक्ति ला रही है, उम्मीद है आगे भी ऐसे ही मुक्तकों से रूबरू होते रहेंगेAnkithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-6165873995425518122010-02-23T12:55:30.121+05:302010-02-23T12:55:30.121+05:30sundar bhavpurn rachna
badhai.......sundar bhavpurn rachna <br />badhai.......Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-68252823568477841992010-02-22T05:57:58.851+05:302010-02-22T05:57:58.851+05:30कंचन जी ! रचना बहुत सुन्दर बन पड़ी है !तार्किकता और...कंचन जी ! रचना बहुत सुन्दर बन पड़ी है !तार्किकता और स्वभावगत भावुकता दोनो को साथ साथ लेकर चलती हुई !ललितमोहन त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00016270901781656893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-67316668746204584232010-02-21T21:33:22.220+05:302010-02-21T21:33:22.220+05:30बात तो पते की कही आपने पर मुश्किल ये है कि जब-जब द...बात तो पते की कही आपने पर मुश्किल ये है कि जब-जब दिल और दिमाग में ठनती है हमेंशा बाजी दिल के पक्ष में जाती है। कहते हैं ना-<br /><br />जो अक्ल का गुलाम हो वो दिल न कर कुबूल<br />गुजर जा अक्ल से आगे कि ये नूर चरागे राह है मंज़िल नहींरविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-46029898008375681972010-02-21T21:27:19.898+05:302010-02-21T21:27:19.898+05:30ज़रा सी दूरी बना के रखना,
ज़रा सा खुद को बचा के र...ज़रा सी दूरी बना के रखना, <br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना।<br />...बेहतरीन पंक्तियाँ ...बधाई हो.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-72369909707521694382010-02-21T19:21:49.454+05:302010-02-21T19:21:49.454+05:30एक ग़ज़ल सुनी थी कभी ... आपकी लाइने पढ़ कर अचानक य...एक ग़ज़ल सुनी थी कभी ... आपकी लाइने पढ़ कर अचानक याद आ गयी ...<br /><br />हर हँसी मंज़र से यारों, फंसला कायम रखो<br />भीड़ में ज़्यादा रहे तो खुद से गुम हो जाओगे ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-68199613124925798442010-02-20T17:51:20.506+05:302010-02-20T17:51:20.506+05:30अनारकली का मुजस्समा याद आ गया ।अनारकली का मुजस्समा याद आ गया ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-43223723448109888592010-02-20T13:16:45.170+05:302010-02-20T13:16:45.170+05:30सबने तारीफ़ कर दी पंक्तियों की..
पर मुझे तो फलसफा ...सबने तारीफ़ कर दी पंक्तियों की..<br />पर मुझे तो फलसफा ज्यादा पसंद आया. क्या पता जिंदगी में सचमुच कोई ऐसा मोड आ भी जाए..पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-77863451552598598742010-02-20T06:20:28.849+05:302010-02-20T06:20:28.849+05:30"ज़रा सी दूरी बना के रखना,
ज़रा सा खुद को बचा..."ज़रा सी दूरी बना के रखना,<br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना।" - <br />सहमत हूँ, पर कैसे - <br /><br />"समझते थे मगर फिर भी न रखीं दूरियाँ हमने<br />चिरागों को जलाने में जला लीं उंगलियाँ हमने !"Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-12519385014267633612010-02-19T20:29:05.840+05:302010-02-19T20:29:05.840+05:30जरा स खुद को बचा कर रखना ,बहुत खूब !!!!!!!जरा स खुद को बचा कर रखना ,बहुत खूब !!!!!!!सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-48001021518454697212010-02-19T17:25:08.322+05:302010-02-19T17:25:08.322+05:30जो ज्यादा समझा किसी को तुमने,
तो दाग फितरत के सब द...जो ज्यादा समझा किसी को तुमने,<br />तो दाग फितरत के सब दिखेंगे,<br />ज़रा सी दूरी बना के रखना,<br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना।<br /><br />बहुत खूब।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-31872938687956142922010-02-19T16:29:52.548+05:302010-02-19T16:29:52.548+05:30ज़रा सी दूरी बना के रखना,
ज़रा सा खुद को बचा के र...ज़रा सी दूरी बना के रखना, <br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना<br /><br />वाह बहुत अच्छी रचना...बशीर बद्र की पंक्तियाँ..."कोई हाथ भी न बढ़ाएगा जो गले मिलोगे तपाक से...." याद आ गयीं...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-4456355007763635322010-02-19T15:26:18.639+05:302010-02-19T15:26:18.639+05:30मुक्तक बहुत अच्छा है,पर भाव से मैं सहमत नहीं, क्यू...मुक्तक बहुत अच्छा है,पर भाव से मैं सहमत नहीं, क्यूंकि...<br /><br />लुट के पाते हैं,तब नाम होता है मोहब्बत.<br />क्या पाएंगे, ये सोच कर किसी से मिला नहीं करते...राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-72411521138650893252010-02-19T04:44:22.833+05:302010-02-19T04:44:22.833+05:30SHUKRIA ,
BAHUT ACCHA KUCH ALAG HAT KAR L...SHUKRIA ,<br /> BAHUT ACCHA KUCH ALAG HAT KAR LAGA AAPKA MUKTAK AUR ISHQ,BABUJI KA BHI JAWAB NAHIN.लता 'हया'https://www.blogger.com/profile/10512517381147885252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-13223256228411440972010-02-19T00:39:03.079+05:302010-02-19T00:39:03.079+05:30वाह कंचन जी मुझे तो आपकी लम्बी पोस्ट और गजलें पढ़न...वाह कंचन जी मुझे तो आपकी लम्बी पोस्ट और गजलें पढ़ने की आदत है इतने कम शब्दों में पूरे भाव समेट कर हमारी आदत ना खराब करिये नही तो इसका अंजाम ऋणात्मक भी हो सकता है :)<br /><br />आपको आगे भी यही फार्मेट लिखने के लिए मजबूर किया जा सकता है :)<br /><br />वीनस केशरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-8047879198657723562010-02-18T19:36:25.181+05:302010-02-18T19:36:25.181+05:30बिलकुल सही बात है दूर के ढोल ही सुहावने लगते हैं अ...बिलकुल सही बात है दूर के ढोल ही सुहावने लगते हैं असलीयत पो पास आ कर ही पता चलती है<br /> कंचन बहुत अच्छा लिखती हो बहुत बहुत आशीर्वाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-73425607802601872452010-02-18T16:15:07.949+05:302010-02-18T16:15:07.949+05:30WAAH....EKDAM SAHI BAAT....
KHOOBSOORAT ANDAAZE B...WAAH....EKDAM SAHI BAAT....<br /><br />KHOOBSOORAT ANDAAZE BAYAN....WAAH !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-43830657601841694612010-02-18T08:10:30.226+05:302010-02-18T08:10:30.226+05:30बहुत-बहुत धन्यवादबहुत-बहुत धन्यवादमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-49167854317286648952010-02-18T03:55:21.761+05:302010-02-18T03:55:21.761+05:30sabne itni tareef kar di hai..ab ham ka kahein bha...sabne itni tareef kar di hai..ab ham ka kahein bhai..<br />bahut hi sundar rachna..<br />aabhaar..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-26818920488930967262010-02-17T23:55:28.262+05:302010-02-17T23:55:28.262+05:30अच्छा है कुमार विश्वास याद आ रहे हैं !
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शायद भारत...अच्छा है कुमार विश्वास याद आ रहे हैं !<br />.<br />शायद भारत के सबसे प्रतिभावान कवि वही हैं इस वक़्त के ...:)<br />उनका अंदाज भी तो ! :) <br />.<br />महान गुरुओं का गजल - मंत्र भी महान होता है ! आभार !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-49582840334791173912010-02-17T22:30:08.268+05:302010-02-17T22:30:08.268+05:30क्या बात है...बहुत अच्छे!
कुमार विश्वास की याद आ...क्या बात है...बहुत अच्छे! <br /><br />कुमार विश्वास की याद आयी तो उन्हीं के अंदाज में "बहुत अच्छे" कहने की कोशिश की है। अब टिप्पणी में कहने का अंदाज कैसे दिखाऊं?गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-1968027220469856752010-02-17T21:24:23.386+05:302010-02-17T21:24:23.386+05:30ह्म्म्मम्म इस विषय में भी पारंगत !!!!!! कम शब्द मग...ह्म्म्मम्म इस विषय में भी पारंगत !!!!!! कम शब्द मगर खयालात खूब दर्जे की , की है आपने ...<br /><br /><br />बधाई कुबूलें... <br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-5751037142296799132010-02-17T19:28:55.774+05:302010-02-17T19:28:55.774+05:30ज़रा सी दूरी बना के रखना,
ज़रा सा खुद को बचा के रख...ज़रा सी दूरी बना के रखना,<br />ज़रा सा खुद को बचा के रखना<br /><br />हाँलाकि इस फिलॉसफी पे पहले नहीं चला करते थे। पर इंटरनेट के अनुभवों ने बहुत कुछ ऐसा सोचने पर विवश कर दिया।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.com