tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post4302750794733562339..comments2024-02-22T15:46:48.368+05:30Comments on हृदय गवाक्ष: कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।कंचन सिंह चौहानhttp://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-76447804064831795182009-09-11T00:40:13.598+05:302009-09-11T00:40:13.598+05:30Kanchan ji,kya shrstha hai kya bataoon,aapka blog,...Kanchan ji,kya shrstha hai kya bataoon,aapka blog,pyari bitiya ya geet sabhi kuch sadha ,vyavasthit ,sunder hai.<br />aapki emotional spirit behad effective hai,<br />meri hardik mangal kamnayen,<br />sadar,<br />dr.bhoopendraडॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-11673621607518031612009-09-10T21:22:21.516+05:302009-09-10T21:22:21.516+05:30दी, मौलिकता मे ही यह कविता बड़ी ही भावः पूर्ण है, ...दी, मौलिकता मे ही यह कविता बड़ी ही भावः पूर्ण है, मुझे नहीं लगता भावों और mechanism के तारतम्य के चलते मूल विचारों मे इतना ज्यादा फेरबदल ........? कविता मे ग्रीन लाइंस कि को आवश्यकता नहीं थी...चासनी कई तरह से बनाते है, एक तार, दो तार,<br />हर व्यंजन के हिसाब से तय है, इसके अलावा और मीठा करने के लिए आप स्वेच्छा से कुछ बढा सकते हैं, पर वो हर किसी के स्वास्थ्य के अनुकूल हो कहा नहीं जा सकता..<br />प्रणाम !राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-36402633778244508492009-09-08T17:48:04.732+05:302009-09-08T17:48:04.732+05:30कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।
या ये ...कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।<br />या ये ...is pankti ko na jane kitni baar padha ...poora geet isi me hai mere liye toपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-56563797676427977512009-09-08T17:15:54.062+05:302009-09-08T17:15:54.062+05:30Prem ki praakaashtha ise hi kahte hain.
Think Scie...Prem ki praakaashtha ise hi kahte hain.<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">Think Scientific </a><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">Act Scientific </a>अशरफुल निशाhttps://www.blogger.com/profile/09800331914695674842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-33480029223882232532009-09-07T23:14:05.601+05:302009-09-07T23:14:05.601+05:30URDU MEIN EK SHABD HAI- AAMAD -
YANI BHAAV KAA AP...URDU MEIN EK SHABD HAI- AAMAD - <br />YANI BHAAV KAA APNE-AAP HRIDAY MEIN<br />PAIDA HONA.AAPKEE KAVITA BHEE AAMAD<br />HAI.KAVITA KAA EK EK SHABD SITAR<br />KEE SEE JHANKAAR PAIDA KAR RAHAA HAI.<br />MEREE BADHAAEE AUR SHUBH KAMNAYEN.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-19610764347954608972009-09-04T10:51:56.707+05:302009-09-04T10:51:56.707+05:30सूरज, चंदा, रात, दोपहरी सब वैसे के वैसे हैं,
पर्वत...सूरज, चंदा, रात, दोपहरी सब वैसे के वैसे हैं,<br />पर्वत, सागर, नदिया, बादल भी जैसे के तैसे हैं<br />पर कुछ है जो बदल रहा है, ये संशय क्यों होता है ? <br /><br />बेहद खूबसूरत<br />बहुत सुंदर गीत है.Creative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-50181449744960581562009-09-02T13:25:15.093+05:302009-09-02T13:25:15.093+05:30देर से आने के लिए मुआफी कंचन....कुछ जिम्मेदारियों...देर से आने के लिए मुआफी कंचन....कुछ जिम्मेदारियों में उलझा हुआ था ,,,,,,,ऐसा लगता है सभी मिष्टी खुदा की देन होती है ......एक दम जिंदगी से भरी हुई.....कुछ लाइने पूरे गीत से भी ज्यादा असर रखती है मसलन ये ..... <br /><br />कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।<br />या ये ......<br /><br />तेरे साथ रहूं जब भी तो असर दुआ में होता हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-19058238456255053352009-09-01T18:27:10.784+05:302009-09-01T18:27:10.784+05:30wow ! बेहद खूबसूरत है... प्रत्येक लाइन...
:)
pictu...wow ! बेहद खूबसूरत है... प्रत्येक लाइन...<br />:)<br />pictures भी so cute.. और.. गीत भी...<br />शुक्रिया.Rashmi Swaroophttps://www.blogger.com/profile/14615276585404778659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-54294110285451472462009-09-01T07:52:19.466+05:302009-09-01T07:52:19.466+05:30आपका गीत बहुत सुंदर बन पड़ा है. मिष्टी की मोहक अदा...आपका गीत बहुत सुंदर बन पड़ा है. मिष्टी की मोहक अदाओं के बारे में जान कर अच्छा लगा. इस प्यारी सी मुस्कान भरी फोटो ने आपके गीत को कड़ी टक्कर दी है, ढेर सारा स्नेह.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-31540806971886788022009-09-01T02:18:27.760+05:302009-09-01T02:18:27.760+05:30हर् पंक्ति के लिये आपको और हरी पंक्ति के लिये गुरू...हर् पंक्ति के लिये आपको और हरी पंक्ति के लिये गुरूजी को प्रणाम ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-76200037555534041162009-08-31T23:51:34.084+05:302009-08-31T23:51:34.084+05:30कंचन काफी दिनों बाद आपके जाल घर पर आना हुआ है और स...कंचन काफी दिनों बाद आपके जाल घर पर आना हुआ है और सुन्दर रचना और मिष्टी बिटिया की छवि ने मन मोह लिया है <br />लिखती रहो ...खुश रहो ...<br /> बहुत स्नेह के साथ <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-27692429312019934172009-08-31T21:51:53.856+05:302009-08-31T21:51:53.856+05:30कंचन जी .....
आपके गीत से बेहतर मुझे आपकी भूमिका ...कंचन जी .....<br /><br />आपके गीत से बेहतर मुझे आपकी भूमिका लगी ...शायद गुरु जी ने पहले भी कहा था आप गद्य भी लिखा करें....बहुत अच्छा लिखती हैं आप ......मिष्ठी बहुत प्यारी है .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-51115804784728236152009-08-31T12:26:27.140+05:302009-08-31T12:26:27.140+05:30geet to bahut pyaara hai...
लिक्खे अनलिक्खे काग़...geet to bahut pyaara hai...<br />लिक्खे अनलिक्खे काग़ज़ तुमको कितने भिजवाने हैं<br />कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।<br /><br />ये पंक्तियाँ बड़ी लुभावनी और प्यारी हैंPuja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-46197301156800941892009-08-31T09:48:51.230+05:302009-08-31T09:48:51.230+05:30bahut hi sundar geet!
mishti ko pyar..badi sundar...bahut hi sundar geet!<br /><br />mishti ko pyar..badi sundar tasveeren hain.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-66724183013695989032009-08-31T06:51:16.707+05:302009-08-31T06:51:16.707+05:30गीत की भूमिका तो जबरदस्त है बल्कि अपने आप में एक प...गीत की भूमिका तो जबरदस्त है बल्कि अपने आप में एक पोस्ट हो सकती थी....आपकी किस्सागोई साफ़ झलकती है। गीत सुंदर है, मुझे जो पंक्तियां अच्छी लगीं-<br /><br />भोर भये से रात गये तक.........<br />...........................<br />...........................<br /><br />और,<br />छोटे छोटे संदेशे हर पल ..........<br />...........................<br />...........................रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-59722483904908567032009-08-31T00:24:19.151+05:302009-08-31T00:24:19.151+05:30हा! हा!!
गुरूजी के डंडे ...वाह! मजा आ गया!!हा! हा!!<br /><br />गुरूजी के डंडे ...वाह! मजा आ गया!!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-85099015856559433262009-08-31T00:14:15.526+05:302009-08-31T00:14:15.526+05:30छोटे छोटे संदेशे हर पल तुमको पहुँचाने हैं,
लिक्ख...छोटे छोटे संदेशे हर पल तुमको पहुँचाने हैं,<br /><br />लिक्खे अनलिक्खे काग़ज़ तुमको कितने भिजवाने हैं<br /><br />कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।<br /><br /><br />रोने को हो काँधा तेरा, हँसने को हो साथ तेरा,<br /><br />गिरने से पहले ही मुझको आकर थामे हाथ तेरा<br /><br />तेरे साथ रहूं जब भी तो असर दुआ में होता है <br /><br />कंचन बहुत सुंदर गीत बना है.<br />बधाई.Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-8197078182053161842009-08-30T16:16:05.978+05:302009-08-30T16:16:05.978+05:30छोटे छोटे संदेशे हर पल तुमको पहुँचाने हैं,
लिक्ख...छोटे छोटे संदेशे हर पल तुमको पहुँचाने हैं,<br /><br />लिक्खे अनलिक्खे काग़ज़ तुमको कितने भिजवाने हैं<br /><br />कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।<br /><br /><br /><br />बहुत अच्छा गीत है कंचन जी!Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-75548309101678815242009-08-29T15:33:32.945+05:302009-08-29T15:33:32.945+05:30हुन्म्म्म्म .. आखिर कार ये रचना आ ही गयी और आई भी ...हुन्म्म्म्म .. आखिर कार ये रचना आ ही गयी और आई भी तो ऐसे सज के आए हाय ... कमाल की सजी है.. भावः खुद बात कर रहे है ... मजाल है के कुछ कही जाये ... गवाह तो कुछ हद तक मैं भी रहा हूँ आप जिस तरह से विचलित थी इसे पोस्ट करने के लिए और क्या क्या नहीं सोच लिया था ... मगर गुरु जी के कृपा से ग़ज़ल को गीत में डाल कर खूब बनाया है आपने केसरिया और हरा रंग खूब भा रहा है ... बहुत बढ़िया सामंजस्य है मैं कुछ कहूँ तो गलती कर बैठूँगा इसलिए सबको सलाम करते चलता हूँ.... बधाई तो लेलो जी आप....<br /><br />आपका<br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-59266785748554738382009-08-29T14:56:45.052+05:302009-08-29T14:56:45.052+05:30नमस्कार कंचन जी,
बहुत अच्छा गीत है, कुछ पंक्तियाँ ...नमस्कार कंचन जी,<br />बहुत अच्छा गीत है, कुछ पंक्तियाँ तो जादू कर देती है जैसे<br />छोटे छोटे संदेशे हर पल तुमको पहुँचाने हैं,<br /><br />लिक्खे अनलिक्खे काग़ज़ तुमको कितने भिजवाने हैं<br /><br />कितने काग कबूतर भेजूँ, इक खत हर पल होता है।Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-14177031571041054552009-08-29T13:56:32.354+05:302009-08-29T13:56:32.354+05:30सरस गीत है
---
तख़लीक़-ए-नज़रसरस गीत है<br />---<br /><a href="http://vinayprajapati.wordpress.com/" rel="follow" rel="nofollow">तख़लीक़-ए-नज़र</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-40716975112459003362009-08-29T10:57:45.232+05:302009-08-29T10:57:45.232+05:30सुन्दर प्यारे गीत की तरह मिष्ठी भी सुन्दर और प्यार...सुन्दर प्यारे गीत की तरह मिष्ठी भी सुन्दर और प्यारी है। <br />सूरज, चंदा, रात, दोपहरी सब वैसे के वैसे हैं,<br /><br />पर्वत, सागर, नदिया, बादल भी जैसे के तैसे हैं<br /><br />पर कुछ है जो बदल रहा है, ये संशय क्यों होता है ?<br /><br />बहुत सुन्दर। और हाँ मिष्ठी को हमारी तरफ से खूब सारा प्यार और आशीर्वाद।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-80937050376819207172009-08-29T08:35:32.767+05:302009-08-29T08:35:32.767+05:30बेहद खूबसूरत लगी....पसंद आई बहुतबेहद खूबसूरत लगी....पसंद आई बहुतअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-8169134983254921862009-08-29T07:58:48.404+05:302009-08-29T07:58:48.404+05:30दादा भाई आदरणीय महावीर जी के कमेंट के बाद कुछ और क...दादा भाई आदरणीय महावीर जी के कमेंट के बाद कुछ और कहने को नहीं रह जाता । किन्तु फिर भी ये कि रचनाकार की जिद कविता में नहीं चलती यहां पर जिद चलती है पाठक की क्योंकि रचना तो उसी के लिये लिखी जाती है । जिद जब सकारात्मक होती है तो रचना कर जाती है किन्तु जब नकारात्मक हो तो विध्वंस करती है । इसलिये जिद के पहलू पर भी ध्यान देना चाहिये । गीत अच्छा बन पड़ा है । ये अलग बात है कि मूलत: वो ग़ज़ल था लेकिन पाउडर क्रीम और जींस पहनाकर की गई धृष्टता के कारण वो गीत हो गया ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-86613668241274969312009-08-29T02:10:23.450+05:302009-08-29T02:10:23.450+05:30adbhut aur bhaavpravan rachna. bahut bahut dhanyav...adbhut aur bhaavpravan rachna. bahut bahut dhanyavaad itni sunder rachna ke liye..aur haasya ka put to vaakayi laajwaab hai..Gaurav Misrahttps://www.blogger.com/profile/04478457371042437275noreply@blogger.com