tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post1332780962939022353..comments2024-02-22T15:46:48.368+05:30Comments on हृदय गवाक्ष: पाज़ के बटनकंचन सिंह चौहानhttp://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-53907591552870070322010-10-18T14:28:44.958+05:302010-10-18T14:28:44.958+05:30कंचन दी, बहुत ही भावुक, हृदयस्पर्शी पोस्ट है।
आपकी...कंचन दी, बहुत ही भावुक, हृदयस्पर्शी पोस्ट है।<br />आपकी हर पोस्ट पढ़कर आपकी लाइनें याद आती हैं।<br />जो रुलाएँ वे सारी चीजें भेजी हैं ...<br /><br />ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और बहन के दिल में भाई का प्यार अमर रहे।vishalhttps://www.blogger.com/profile/12747208755957238186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-91562901247294569142010-06-30T20:21:39.728+05:302010-06-30T20:21:39.728+05:30Sundar Blog. Aur bhavsparsh lekhan Sundar sanjog.Sundar Blog. Aur bhavsparsh lekhan Sundar sanjog.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08928212793008107322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-9827719656451116792010-06-30T03:31:53.322+05:302010-06-30T03:31:53.322+05:30:(:(:(:(:(:(Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-62710562734625101012010-06-26T14:13:47.653+05:302010-06-26T14:13:47.653+05:30aaj pichhali teeno post padhi. pata nahin kyon aap...aaj pichhali teeno post padhi. pata nahin kyon aapko padhte hi man door bhagane ko kartaa hai. shayad aapki samwednaon ka samna karne ka sahas nahin juta pata. khair bahut marmsparshi hain teenon post.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/00532701630756687682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-9190248115158904742010-06-21T17:07:27.967+05:302010-06-21T17:07:27.967+05:30आपकी पोस्ट पर अक्सर कुछ कहते नहीं बनता .... !आपकी पोस्ट पर अक्सर कुछ कहते नहीं बनता .... !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-17996213626723423352010-06-21T13:42:34.909+05:302010-06-21T13:42:34.909+05:30क्या कहूँ कंचन, अपने भाई बहन के जाने का दुख असह्य ...क्या कहूँ कंचन, अपने भाई बहन के जाने का दुख असह्य ही होता है। फिर भी सहना सीखना पड़ता है। जो बात कुछ सांत्वना देती है वह यह है कि तुम्हारे भैया ने खुल कर अपना स्नेह तुम पर लुटाया और कुछ शेष नहीं रखा। धीरे धीरे उन्हें मुस्कराकर याद करना सीख जाओगी।<br />सस्नेह,<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-64380711304926885532010-06-12T15:49:01.329+05:302010-06-12T15:49:01.329+05:30बहुत दिन बाद आयी मगर आते ही दुखद समाचार मिलेगा सोच...बहुत दिन बाद आयी मगर आते ही दुखद समाचार मिलेगा सोचा नही था। भगवान के आगे किसी का जोर नही चलता फिर तुम तो बहादुर भाईयों की बहन हो। इश्वर उनकी आत्मा को शांति और आपको और सारे परिवार को हिम्मत प्रदान करे ।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-60941133625465292592010-06-09T15:51:43.467+05:302010-06-09T15:51:43.467+05:30भगवान् भी न.....भगवान् भी न.....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-37534819987903311132010-06-08T13:06:16.475+05:302010-06-08T13:06:16.475+05:30हिमांशु जी द्वारा बज पर दिए गए लिंक के माध्यम से य...हिमांशु जी द्वारा बज पर दिए गए लिंक के माध्यम से यहाँ तक आयी. पर नहीं मालूम था कि ये प्रविष्टि रुला देगी... <br />कंचन जी मैं पहले कभी इस ब्लॉग पर नहीं आयी पर आपको जानती हूँ... और ये भी जानती हूँ कि अपनों को खोने का दुःख क्या होता है क्योंकि चौदह साल की उम्र में माँ को, बाईस की उम्र में पिता सामान चाचा को, चौबीस की उम्र में प्राणों से प्यारी सहेली को और छब्बीस की उम्र में पिता को खो चुकी हूँ... हर बार फूट-फूटकर रोई हूँ... हर बार लगा कि टूट जाऊंगी, पर हर बार उन बिछड़े लोगों के प्रेम ने ही उबारा है, संबल दिया है. जो चले गए उनकी यादें, उनका प्रेम ही सहारा बनता है ऐसे समय में... आपके साथ आपके भैया का प्यार है, हमेशा रहेगा. आप बहुत दृढ़ हैं, ये आपको और दृढता देगा... <br />श्रद्धांजलि और नमन उस भाई को जिसकी बहन इतनी बहादुर है...muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-27211166159303012232010-06-07T12:51:51.846+05:302010-06-07T12:51:51.846+05:30छ्लछला आयी हैं आँखें !
आपकी संवेदना आपको दृष्टि सं...छ्लछला आयी हैं आँखें !<br />आपकी संवेदना आपको दृष्टि संपन्न बनाती है ! <br />संवेदना की तीव्रता...आपकी तीव्र स्मृतियों का आश्रय लेती है ! <br />वस्तुतः यही स्मृति आपकी उच्चतर चेतना की माँग है...<br />आप याद करती हैं...पूर्ण प्रेम का आग्रह साथ रहता है ! <br />’क्षति’ को साथ लेकर जीने की गहराई है आपके पास ! वस्तुतः इस ’क्षति’ को महसूसना ...पूर्ण प्रेम के उत्तर-सा है !<br />वस्तुतः समूचे अस्तित्व के स्वीकार-सा है!<br /><br />ऐसी गहरी प्रविष्टि को पढ़ कर कुछ भी कह-लिख पाना संभव नहीं ! सो यह ’कुछ भी’ कह देने का स्वभाव कुच कहवा गया ! <br /><br />श्रद्धांजलि !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-16961398020829540642010-06-06T16:05:04.965+05:302010-06-06T16:05:04.965+05:30मेरे पास ना तो इतना हौसला है, ना शब्द है और ना ही ...मेरे पास ना तो इतना हौसला है, ना शब्द है और ना ही भाव..बस स्तब्ध हूँ.. और इतना ही कह पाऊंगा कि .. मैं शेर तो नहीं पर ..आपका ये भाई भी आपके साथ है.. आप बहुत हिम्मत वाली हैं.. नमन ! नमन ! नमन !Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-39271481653507915362010-06-04T23:13:46.044+05:302010-06-04T23:13:46.044+05:30दी! दुःख बड़ा है. पर हिम्मत रखना..भैया कि आत्मशांति...दी! दुःख बड़ा है. पर हिम्मत रखना..भैया कि आत्मशांति आपकी स्वाभिमान पूर्ण ज़िन्दगी कि इच्छा है, जैसा कि अपने लिखा है, उस सच को जीना, ताकि उनकी चेतना इस संसार के परिभ्रम से मुक्त हो सदगति मे यात्रा करें..राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-55243767469007712682010-06-04T22:17:26.642+05:302010-06-04T22:17:26.642+05:30किसी आत्मीय के यूँ चले जाने की पीड़ा सिर्फ भुक्तभो...किसी आत्मीय के यूँ चले जाने की पीड़ा सिर्फ भुक्तभोगी ही समझ सकता है कंचन जी ! वक़्त की संजीवनी ही उस पर मरहम लगा पाती है ! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं आपको इस दुःख से उबरने का साहस प्रदान करे !ललितमोहन त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00016270901781656893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-84939751702855578392010-06-04T19:28:30.801+05:302010-06-04T19:28:30.801+05:30kanchan ji....uparvala is dukh kee ghadee me aapko...kanchan ji....uparvala is dukh kee ghadee me aapko himmat de...bhaisahab ko shraddhanjali arpit kartee hu....शेफाली पाण्डेhttps://www.blogger.com/profile/14124428213096352833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-89616773048942789172010-06-03T18:44:49.107+05:302010-06-03T18:44:49.107+05:30कुछ ऐसा है जिसपर हमारा कोई बस नहीं बस प्रार्थना कर...कुछ ऐसा है जिसपर हमारा कोई बस नहीं बस प्रार्थना कर सकते है जाने वाले के लिए और जो पीछे रह जाते है उन्हे हिम्मत मिले...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-77348273030382450042010-06-02T23:39:06.439+05:302010-06-02T23:39:06.439+05:30कुछ कहते नहीं बन रहा ................आपके साथ हूँ ...कुछ कहते नहीं बन रहा ................आपके साथ हूँ .......हो सके तो इस दर्द को ही अपनी शक्ति बनाये !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-66219231127058560812010-06-02T13:15:38.213+05:302010-06-02T13:15:38.213+05:30यहीं पर आदमी मजबूर हो जाता है... आपके भैया सशरीर त...यहीं पर आदमी मजबूर हो जाता है... आपके भैया सशरीर तो नहीं लेकिन आपके हृदय में अवश्य जीवित रहेंगे.. हमेशा...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-42465972055631168122010-06-02T11:58:24.273+05:302010-06-02T11:58:24.273+05:30दुबारा लौट कर आया हूँ.. केवल यह कहने कि
जिस पर बीत...<i><br />दुबारा लौट कर आया हूँ.. केवल यह कहने कि<br />जिस पर बीती वही समझेगा ! यह तो है केवल<br />" हृदयग्राही मर्म का एक अँतरँग चित्रण"<br /><br /><br />आप मेरे फ़ीडरीडर से अनायास ही बिछुड़ गयी थीं,<br />पुनः जोड़ने का उपक्रम करता हूँ ! नमस्ते !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-62823925830605736522010-06-02T10:05:44.626+05:302010-06-02T10:05:44.626+05:30कितना कुछ हो जाता है... सबकी खबर नहीं हो पाती... औ...कितना कुछ हो जाता है... सबकी खबर नहीं हो पाती... और जब खबर मिलती है तो कुछ कहते नहीं बनता...<br />मेरी श्रद्धांजलि इस टिप्पणी के माध्यम से.<br /><br />कंचन जी आपकी हिम्मत औरों को भीं हौसला दे... यही दुआ है.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-7667845684567308562010-06-02T08:20:02.145+05:302010-06-02T08:20:02.145+05:30हार्दिक श्रद्धांजलि! आपके दुःख में हम सब आपके साथ...हार्दिक श्रद्धांजलि! आपके दुःख में हम सब आपके साथ हैं. नियति पर किसी का बस नहीं है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-52055616787816677802010-06-02T07:26:23.888+05:302010-06-02T07:26:23.888+05:30ओह! मेरे बच्चे!ओह! मेरे बच्चे!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-55273159186179140592010-06-02T07:21:54.013+05:302010-06-02T07:21:54.013+05:30इस विकट दुख की घड़ी में हौसले की दुआ करता हूं।इस विकट दुख की घड़ी में हौसले की दुआ करता हूं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-74236849844221033412010-06-02T02:46:51.684+05:302010-06-02T02:46:51.684+05:30मार्मिक ,,,चित्र खुद में यादें समेटे हुए है !!!मार्मिक ,,,चित्र खुद में यादें समेटे हुए है !!!Rahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-52950257255429277542010-06-02T01:34:37.952+05:302010-06-02T01:34:37.952+05:30खबर सुन कर कई दिन तक आपसे बात करने की हिम्मत नहीं ...खबर सुन कर कई दिन तक आपसे बात करने की हिम्मत नहीं कर पाया था<br /><br />आज ये चित्र देख कर क्या कहूँ <br /><br />बस एक बार फिर से खुद को बहुत बौना महसूस कर रहा हूँ <br />कहने को बहुत कुछ कह डालता हूँ <br />मगर रिश्तों की बात आती हैं तो कुछ कह ही नहीं पाता<br />पता नहीं कब सीखूंगा ....सीख भी पाउँगा या नहींवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3468658467196737408.post-61344438159864632332010-06-02T00:51:08.446+05:302010-06-02T00:51:08.446+05:30हिमांशु भाई के गीत वाली पोस्ट पर मैंने अपने कमेन्ट...हिमांशु भाई के गीत वाली पोस्ट पर मैंने अपने कमेन्ट में आपका <br />जिक्र किया है ! वहाँ एक टीपकर्त्री की संवेदनशीलता से बावस्ता <br />हुआ था और यहाँ प्रविष्टि से ! <br /><br />ऐसी प्रविष्टियों को सिर्फ प्रविष्टि मानकर पढ़ना संभव नहीं हो पाता !<br />ये व्यक्ति-सत्य से जुडी होती हैं ! इन उद्गारों को मैं कभी भी वर्चुअल <br />नहीं बल्कि यथार्थ ही मानता हूँ ! पलक का फलक और है , जिसमें <br />वर्चुअल कर्मकांड ही सर्वस्व हैं , ऐसी स्थिति में गौतम भैया का <br />नाराज होना नाजायज नहीं ! पर ऐसे लोगों को अनदेखा करें और <br />इनके आधार पर हरसंभव अपनी अभिव्यक्ति को प्रभावित न होने दें !<br /><br />हार्दिक श्रद्धांजलि ! ......... मौन !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.com